dc.contributor.advisor |
Pandey, Ved Raman |
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dc.date.accessioned |
2024-07-31T05:22:47Z |
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dc.date.available |
2024-07-31T05:22:47Z |
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dc.identifier.uri |
https://www.presiuniv.ac.in |
en_US |
dc.identifier.uri |
http://www.presiuniv.ndl.iitkgp.ac.in/handle/123456789/2436 |
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dc.description.abstract |
शोध-सार नब्बे के दशक के बाद हाशिए के विमर्शों की चर्चा जोर-शोर से होने लगी। इसमें दलित-विमर्श, आदिवासी-विमर्श, पर्यावरण विमर्श के साथ ही एलजीबीटीक्यू (LGBTQ) या क्वीयर विमर्श/सिद्धांत भी हमारा ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है। क्वीयर सिद्धांत उत्तर-संरचनावादी सिद्धांत का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जिसका उद्भव 1990 के दशक में क्वीयर अध्ययन तथा स्त्री अध्ययन के क्षेत्र में होता है।
‘समलैंगिक’ शब्द का उद्भव 19वीं शताब्दी में यूरोप में तब हुआ जब इस पर व्यापकता से विचार-विमर्श किया जाने लगा। इस बात के प्रमाण बड़ी संख्या में मिलते हैं कि समाज में स्त्री-पुरुष के बीच प्रजननमूलक यौन-क्रिया के अलावा विभिन्न प्रकार के यौन- संबंध हमेशा से ही बनते रहे हैं।
होमोफोबिया (समलैंगिकता के प्रति घृणा) पश्चिमी देन है, जो न सिर्फ भारत में अपितु विकासशील तीसरी दुनिया में उपनिवेशवाद के माध्यम से प्रसारित हुई। होमोफोबिया औपनिवेशिक शासन की विरासत थी। जिसका प्रभाव स्वतंत्रता के पश्चात भी जीवित रहा और आज भी बहुत हद तक व्याप्त है। हालांकि विषमलैंगिक पुरुष वर्चस्व वाली सामाजिक संरचना के बावजूद समलैंगिक विमर्श की चर्चा दबे जुबानों में होती रही जिसका व्यापक स्वरूप बाद में क्वीयर विमर्श के रूप में उभरकर सामने आया। कहानियों, उपन्यासों में कहीं यौन छेड़छाड़ के साथ तो कही रोमांटिक मित्रता के रूप में क्वीयर संबंधों पर लिखा जाता रहा।
यौनिकता पर चर्चा करना हमारे समाज में आसान नहीं रहा हैं, यही कारण है कि क्वीयर संबंधों पर केंद्रित फिल्में जब भी बनीं वह या तो अधिकांशतः अनुमान पर आधारित रही है या आधे-अधूरे ज्ञान में सिमटती नजर आती है। कुछ फिल्में ऐसी भी रही है जिन्होंने क्वीयर संबंधों व उनकी जटिलताओं के बारे में समझ बनाने के साथ ही समाज की भ्रमित धारणाओं को तोड़ने का भी प्रयास किया है। |
en_US |
dc.format.mimetype |
application/pdf |
en_US |
dc.language.iso |
hin |
en_US |
dc.source |
Presidency University |
en_US |
dc.source.uri |
https://www.presiuniv.ac.in |
en_US |
dc.subject |
Lesbian |
en_US |
dc.subject |
Gay |
en_US |
dc.subject |
Bisexual |
en_US |
dc.subject |
Transgender |
en_US |
dc.subject |
Queer |
en_US |
dc.title |
Hindi Katha Sahitya Mein Lgbtq Jan: Vividh Aayaam |
en_US |
dc.type |
text |
en_US |
dc.rights.accessRights |
authorized |
en_US |
dc.description.searchVisibility |
true |
en_US |
dc.creator.researcher |
Ojha, Madhumita |
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